आरज़ूओं ने आज अरमानों की चिताओं पे दर्द भरा काष्ठीय मरहम लगाया है। आरज़ूओं ने आज अरमानों की चिताओं पे दर्द भरा काष्ठीय मरहम लगाया है।
वो अनकही सब बातें याद आती है हौले-हौले जो हम कह ना पाये, किसकी खता समझे इसे जब कोई पास होता है वो अनकही सब बातें याद आती है हौले-हौले जो हम कह ना पाये, किसकी खता समझे इसे ...
थके-थके से शब्द हैं तो भी थके-थके से शब्द हैं तो भी
थके-थके से शब्द हैं तो भी छुक-छुक रेलगाड़ी-सी चल रही है.............. थके-थके से शब्द हैं तो भी छुक-छुक रेलगाड़ी-सी चल रही है..............
फिर आज स्वतंत्रता की कहानी याद आ गई फिर आज स्वतंत्रता की कहानी याद आ गई
बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो ,किसी को याद रखना हो ,किसी को भूल जाना हो , हमेशा देर कर देत... बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो ,किसी को याद रखना हो ,किसी को भूल जाना ह...